
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पीएम मोदी की ऊर्जा, उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता को वैश्विक स्तर पर भारत के लिए अहम पूंजी बताया है।
Shashi Tharoor praises Modi: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पीएम मोदी की ऊर्जा, उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता को वैश्विक स्तर पर भारत के लिए अहम पूंजी बताया है। शशि थरूर ने अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के एक लेख में यह बात कही है। थरूर ने इसे और अधिक सहयोग और समर्थन देने की भी बात कही। बता दें कि हाल ही में शशि थरूर ने भारतीय सांसदों के डेलिगेशन के साथ अमेरिका सहित कई देशों का दौरा भी किया। यहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत के पक्ष को दुनिया के सामने रखा। थरूर का यह बयान ऐसे समय आया है, जब कांग्रेस लगातार मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़े कर रही है।
Shashi Tharoor praises Modi: थरूर ने पीएम मोदी के व्यक्तित्व को बताया प्राइम एसेट
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के लिए लिखे एक लेख में कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद किया गया राजनयिक संपर्क राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद का क्षण था। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऊर्जा, उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक अहम पूंजी बनी हुई है, लेकिन इसे अधिक समर्थन की आवश्यकता है।” बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की तरफ से शशि थरूर ने विभिन्न देशों में भारत के रूख को रखा।
Shashi Tharoor praises Modi: डेलिगेशन का कूटनीतिक संपर्क महत्वपूर्ण था
थरूर ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनयिक संपर्क, राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद का क्षण था। इसने इस बात पुष्टि की है कि भारत एकजुट होने पर अपनी आवाज स्पष्टता और दृढ़ विश्वास के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रख सकता है।’’ अपने लेख में, शशि थरूर ने कहा कि 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया ने देश की विदेश नीति के लिए एक महत्वपूर्ण पक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, ‘‘तत्काल सैन्य कार्रवाई निर्णायक थी, लेकिन उसके बाद का कूटनीतिक संपर्क वैश्विक धारणाओं को आकार देने और अंतरराष्ट्रीय समर्थन को मजबूत करने में समान रूप से, यदि अधिक नहीं तो, महत्वपूर्ण था।”
Shashi Tharoor praises Modi: मोदी सरकार की विदेश नीति पर कांग्रेस असहज
इसके अलावा शशि थरूर ने कहा, “पश्चिमी गोलार्ध के पांच देशों- गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका में सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने से मुझे सार्वजनिक कूटनीति के इस गहन दौर से सीखे गए सबक पर विचार करने का एक अनूठा अवसर मिला।
हालांकि शशि थरूर की यह टिप्पणी कांग्रेस पार्टी को संकट में डाल सकती है। कांग्रेस पार्टी इन दिनों मोदी सरकार की विदेश नीति को लेकर लगातार सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि भारतीय कूटनीति चरमरा गई है और भारत विश्व स्तर पर अलग-थलग पड़ गया है। इस बीच कांग्रेस के ही सांसद शशि थरूर के इस बयान से कांग्रेस और थरूर के संबंधों में दरार और बढ़ सकती है।
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