Skip to content
Aarambh News

Aarambh News

सत्य, सर्वत्र, सर्वदा

Primary Menu
  • Home
  • भारत
  • देश विदेश
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • ज्योतिष
  • शिक्षा/ रोजगार
  • स्वास्थ्य
  • खेल
  • तकनीकी
  • Viral खबरे
  • Home
  • राजनीति
  • Antodya Diwas 2024: Pandit Deendayal Upadhyay के समावेशी विकास के दृष्टिकोण का सम्मान
  • राजनीति

Antodya Diwas 2024: Pandit Deendayal Upadhyay के समावेशी विकास के दृष्टिकोण का सम्मान

Vijay Mark September 24, 2024
Antodya Diwas

Antodya Diwas

Antodya Diwas हर साल 25 सितंबर को मनाया जाता है, जो भारत के प्रमुख राजनीतिक विचारक और सामाजिक दार्शनिक Pandit Deendayal Upadhyay की जयंती का प्रतीक है। यह दिन उनके दृष्टिकोण और दर्शन को याद करने के लिए समर्पित है, जिसमें समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के उत्थान को बढ़ावा देना प्रमुख है।

Antodaya Diwas
Antodaya Diwas

2024 में, यह महत्वपूर्ण अवसर एक बार फिर ‘अंत्योदय’ के विचार को याद करने का अवसर होगा, जिसका अर्थ है अंतिम व्यक्ति का उत्थान, और उनके समावेशी भारत के निर्माण में योगदान को सम्मानित करना, जहां कोई भी पीछे न रह जाए।

Table of Contents

Toggle
  • Antodya Diwas की उत्पत्ति
  • Pandit Deendayal Upadhyay: व्यक्ति और उनका दर्शन
  • Antodya Diwas का महत्व
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विरासत

Antodya Diwas की उत्पत्ति

Antodya Diwas पहली बार 2014 में मनाया गया था, जब भारत सरकार ने Pandit Deendayal Upadhyay की जयंती को उनकी विरासत को सम्मानित करने के लिए चुना। 25 सितंबर 1916 को राजस्थान के धनकिया में जन्मे उपाध्याय ने अपने जीवन को समाज की सेवा के लिए समर्पित किया, विशेष रूप से हाशिए पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया। उनके राजनीतिक और दार्शनिक विचारों का केंद्र बिंदु एक आत्मनिर्भर और विकेंद्रीकृत शासन प्रणाली बनाना था, जिसमें आम आदमी और हाशिए पर पड़े लोगों को विकास के प्रयासों के केंद्र में रखा गया।

Antodaya Diwas
Antodaya Diwas

‘अंत्योदय’ शब्द का अर्थ है समाज के सबसे कमजोर और वंचित व्यक्तियों का उत्थान। अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से, उपाध्याय ने एक ऐसे भारत की कल्पना की, जहाँ सबसे कमजोर और गरीब न केवल जीवित रहें, बल्कि फलें-फूलें। अंत्योदय दिवस इस दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करने और इसे प्राप्त करने के उद्देश्य से नीतियों को लागू करने का एक मंच है।

Pandit Deendayal Upadhyay: व्यक्ति और उनका दर्शन

Pandit Deendayal Upadhyay का जीवन और कार्य भारतीय राजनीतिक विचार पर गहरा प्रभाव डालते हैं। आठ साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो देने के बावजूद, उन्होंने कठिनाइयों का सामना करते हुए शैक्षणिक उत्कृष्टता हासिल की। बाद में वे कानपुर के सनातन धर्म कॉलेज में पढ़ाई करते समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े।

1951 में, उपाध्याय भारतीय जनसंघ के गठन में एक प्रमुख व्यक्ति बने, जो आज की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पूर्ववर्ती संगठन है। उन्होंने पार्टी के महासचिव के रूप में कार्य किया, जहाँ उन्होंने इसकी विचारधारा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एक गहरे विचारक के रूप में, उपाध्याय का राजनीतिक दर्शन ‘एकात्म मानववाद’ के नाम से जाना जाता है, जो व्यक्तिगत कल्याण और सामूहिक भलाई के बीच तालमेल बिठाने का प्रयास करता है, जिसमें भौतिक और आध्यात्मिक विकास दोनों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। उन्होंने विकेंद्रीकृत राजनीतिक प्रणाली और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की वकालत की, जिसमें गांव को राष्ट्रीय विकास का आधार बनाया गया।

Antodaya Diwas
Antodaya Diwas

उपाध्याय के प्रमुख विश्वासों में से एक था कि शासन और राजनीति का अंतिम लक्ष्य समाज के अंतिम व्यक्ति का कल्याण होना चाहिए। वह इस बात पर अडिग थे कि किसी राष्ट्र का भविष्य आम आदमी—किसान, मजदूर और गरीब—के हाथों में निहित है। उनकी दृष्टि न केवल आर्थिक विकास की थी, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की भी थी, जहाँ हर नागरिक गरिमा के साथ जी सके।

Antodya Diwas का महत्व

Antodya Diwas का महत्व सामाजिक न्याय और समावेशी विकास पर इसके केंद्रित होने में निहित है। आज की तेजी से विकासशील दुनिया में, हाशिए पर पड़े समुदायों को नजरअंदाज करना आसान है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का अंत्योदय दर्शन इस बात को सुनिश्चित करता है कि विकास संपूर्ण हो और प्रगति की दौड़ में समाज के सबसे गरीब वर्गों को भुलाया न जाए।

Antodya Diwas 2024 उपाध्याय के उस दृष्टिकोण की याद दिलाता है जिसमें भारत एक ऐसा देश बने, जहाँ सबसे हाशिए पर पड़े लोग भी फल-फूल सकें। उनके सिद्धांत गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और स्वास्थ्य सेवा जैसी प्रमुख समस्याओं को हल करने पर जोर देते हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं। सरकारी और गैर-सरकारी पहलों के माध्यम से, इस दिन जागरूकता अभियान और विकास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक पहुँचना और उन्हें सशक्त बनाना होता है।

2024 में, जब भारत आर्थिक विकास की ओर बढ़ रहा है, Antodya Diwas के सिद्धांत पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। अंतिम व्यक्ति का उत्थान करने की सोच सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) को प्राप्त करने के चल रहे प्रयासों के साथ मेल खाती है, विशेष रूप से उन लक्ष्यों के साथ जो गरीबी उन्मूलन, अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और असमानता को कम करने से संबंधित हैं।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विरासत

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विरासत भारतीय राजनीतिक और सामाजिक विचारधारा को प्रभावित करती रहती है। विकेंद्रीकृत और आत्मनिर्भर भारत की उनकी दृष्टि आज की नीतिगत पहलों जैसे स्थानीय विनिर्माण, ग्रामीण विकास और गांव-केंद्रित आर्थिक नीतियों के साथ गूंजती है।

दीनदयाल का कार्य मात्र राजनीतिक दर्शन तक सीमित नहीं था। उन्होंने अपने विचारों को बढ़ावा देने के लिए एक मासिक पत्रिका “राष्ट्रधर्म” और एक साप्ताहिक “पांचजन्य” की स्थापना की। उनके लेखन और भाषणों ने विशेष रूप से उन लोगों पर एक स्थायी छाप छोड़ी है, जो केवल विकास के बजाय एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने में विश्वास करते हैं, जो समानता और न्याय के लिए खड़ा हो।

हालाँकि 1968 में ट्रेन यात्रा के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में उपाध्याय का जीवन दुखद रूप से समाप्त हो गया, उनके आदर्श और दृष्टिकोण आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। उनका यह विश्वास कि “हर देशवासी हमारे रक्त का रक्त और हमारे मांस का मांस है” एकता और सामाजिक जिम्मेदारी के लिए एक शक्तिशाली आह्वान बना हुआ है।

Antodya Diwas केवल Pandit Deendayal Upadhyay की जयंती का स्मरण मात्र नहीं है, यह सामाजिक न्याय और हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान के लिए एक आह्वान है। अंत्योदय की उनकी फिलोसोफी उन नीतियों के लिए एक मार्गदर्शन प्रदान करती है जो समावेशिता, आत्मनिर्भरता और सभी के लिए लाभकारी विकास पर केंद्रित हैं। Antodya Diwas 2024 एक ऐसा समाज बनाने की प्रतिज्ञा को फिर से दोहराने का अवसर है, जहाँ कोई भी पीछे न छूटे, और यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंक्ति में खड़ा अंतिम व्यक्ति सबसे पहले उठे।

Bengaluru woman’s fridge murder case: शरीर के टुकड़े फ्रिज में मिलने से मचा हड़कंप

Social Justice Day 2024: समानता और अधिकारों का महत्व

Shardiya Navratri 2024: जाने तिथि, घटस्थापना शुभ मुहूर्त, और समाप्ति तिथि

Continue Reading

Previous: Social Justice Day 2024: समानता और अधिकारों का महत्व
Next: Jitiya Vrat 2024: शुभ मुहूर्त और नोट करें भगवान जीमूतवाहन की पूजा विधि

Related Stories

PM Modi in Bihar
  • राजनीति

PM Modi in Bihar: “बिहार आया था तो वचन दिया, अब वादा पूरा करके आया हूँ…” बिहार में गरजे पीएम मोदी

Satya Pandey May 30, 2025
दक्षिण दिल्ली में 40 Bangladeshi Illegal Immigrants गिरफ्तार, Fake Documents के साथ रह रहे थे भारत में
  • राजनीति

दक्षिण दिल्ली में 40 Bangladeshi Illegal Immigrants गिरफ्तार, Fake Documents के साथ रह रहे थे भारत में

Zahara Hasan May 29, 2025
Udit Raj comment on Shashi Tharoor
  • राजनीति

Udit Raj comment on Shashi Tharoor: उदित राज का शशि थरूर पर हमला “आप इतने धोखेबाज कैसे हो सकते हैं?” सरकार की तारीफ पर मचा सियासी घमासान

Satya Pandey May 28, 2025

Latest

Mainpuri Viral Video: भाजपा नेत्री के बेटे के 130 अश्लील वीडियो वायरल, पत्नी ने सुनाई हैरान कर देने वाली दास्तां
  • Viral खबरे

Mainpuri Viral Video: भाजपा नेत्री के बेटे के 130 अश्लील वीडियो वायरल, पत्नी ने सुनाई हैरान कर देने वाली दास्तां

Rahul Pandey May 31, 2025
Mainpuri Viral Video News: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में BJP Mahila Morcha की पूर्व नगर अध्यक्ष के...
Read More Read more about Mainpuri Viral Video: भाजपा नेत्री के बेटे के 130 अश्लील वीडियो वायरल, पत्नी ने सुनाई हैरान कर देने वाली दास्तां
Mukul Dev Death: ICU में भर्ती थे मुकुल देव, 54 साल की उम्र में निधन से फैला शोक Mukul Dev Death
  • भारत
  • Viral खबरे

Mukul Dev Death: ICU में भर्ती थे मुकुल देव, 54 साल की उम्र में निधन से फैला शोक

May 24, 2025
कानपुर में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की पति की हत्या, पड़ोसियों पर लगाया झूठा इल्जाम कानपुर में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की पति की हत्या
  • Viral खबरे

कानपुर में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की पति की हत्या, पड़ोसियों पर लगाया झूठा इल्जाम

May 20, 2025
Bulandshahr Gangrape: चलती कार में चीखती इंसानियत, एक की जान गई, दूसरी की इज़्ज़त! Bulandshahr Gangrape
  • भारत
  • Viral खबरे

Bulandshahr Gangrape: चलती कार में चीखती इंसानियत, एक की जान गई, दूसरी की इज़्ज़त!

May 12, 2025
Sophia Qureshi: भारत की बेटी की हुंकार,ऑपरेशन सिंदूर में कर्नल सोफिया का नेतृत्व Sophia Qureshi
  • Viral खबरे
  • भारत

Sophia Qureshi: भारत की बेटी की हुंकार,ऑपरेशन सिंदूर में कर्नल सोफिया का नेतृत्व

May 9, 2025

You may have missed

UP DGP Retirement: प्रशांत कुमार की विदाई या सेवा विस्तार? दलजीत चौधरी का नाम चर्चा में
  • भारत

UP DGP Retirement: प्रशांत कुमार की विदाई या सेवा विस्तार? दलजीत चौधरी का नाम चर्चा में

Zahara Hasan May 31, 2025
Khandwa Gangrape
  • भारत

Khandwa Gangrape: आदिवासी निर्भया कांड, खंडवा में गैंगरेप के बाद महिला की निर्मम हत्या!

Suman Goswami May 31, 2025
Sharmishtha Panoli
  • भारत

Sharmishtha Panoli: आपत्तिजनक पोस्ट मामले में शर्मिष्ठा पनोली गिरफ्तार, कोर्ट में पेशी के बाद माफी मांगी

Satya Pandey May 31, 2025
Covid-19 India Update: देश में बढ़ते कोरोना मामले, बच्चों में संक्रमण और नए वैरिएंट्स LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 की जानकारी
  • स्वास्थ्य

Covid-19 India Update: देश में बढ़ते कोरोना मामले, बच्चों में संक्रमण और नए वैरिएंट्स LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 की जानकारी

Zahara Hasan May 31, 2025
  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Condtions
  • Become a News Writer
  • Facebook
  • Instagram
  • YouTube
  • X
Copyright © All rights reserved. | MoreNews by AF themes.