
Narendra Modi Mauritius Visit: काशी में भारत–मॉरीशस की दोस्ती का नया अध्याय, पीएम मोदी बोले – "हम सिर्फ़ पार्टनर नहीं, परिवार हैं"
Narendra Modi Mauritius Visit: गंगा के किनारे बसी काशी गुरुवार को एक ऐतिहासिक मुलाक़ात की गवाह बनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने यहां द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की। इस दौरान काशी का रंग मानो भारत–मॉरीशस की दोस्ती के नए उत्सव में ढल गया।
पीएम मोदी का बड़ा बयान
पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में मॉरीशस के प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा – “भारत और मॉरीशस सिर्फ़ पार्टनर नहीं, बल्कि एक परिवार हैं। हमारी संस्कृति और संस्कार सदियों पहले ही भारत से मॉरीशस तक पहुंचे और वहां की जीवनशैली में रच-बस गए।”
उन्होंने गर्व के साथ कहा कि काशी में मां गंगा की अविरल धारा की तरह भारत और मॉरीशस की दोस्ती भी समय के साथ और मज़बूत होती जा रही है।
विकास में भारत की साझेदारी
पीएम मोदी ने मॉरीशस के विकास में भारत की भूमिका को खास बताते हुए कहा – “मॉरीशस के विकास में एक विश्वसनीय और प्राथमिक साझेदार होना भारत के लिए गर्व की बात है।”
उन्होंने घोषणा की कि भारत मॉरीशस के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज लेकर आया है। इस पैकेज से वहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर मज़बूत होगा, रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। सबसे खास बात यह रही कि भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र अब मॉरीशस में खुल चुका है।
चागोस समझौते पर बधाई
पीएम मोदी ने मॉरीशस को चागोस समझौता संपन्न होने पर बधाई दी और इसे मॉरीशस की संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत बताया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा उपनिवेशवाद के खिलाफ और मॉरीशस की संप्रभुता के पक्ष में खड़ा रहा है।
सर शिवसागर रामगुलाम का ज़िक्र
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपिता सर शिवसागर रामगुलाम को भी याद किया। उन्होंने कहा – “वे केवल मॉरीशस के राष्ट्रपिता ही नहीं थे, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच अटूट सेतु के संस्थापक भी थे।” इस साल उनकी 125वीं जयंती मनाई जा रही है, जिसे दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई देने का अवसर माना जा रहा है।
काशी में मिला भव्य स्वागत
मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने भी अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा कि काशी में उनका स्वागत जिस गर्मजोशी से किया गया, वह अविस्मरणीय है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा – “मेरा मानना है कि किसी भी प्रधानमंत्री को ऐसा स्वागत शायद ही कभी मिला हो। मैं समझ सकता हूं कि मोदी जी अपने संसदीय क्षेत्र से इतनी बड़ी संख्या में क्यों चुने जाते हैं।”
उन्होंने भारत और मॉरीशस की दोस्ती को एक नई दिशा देने की इच्छा जताई और पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया।
गंगा आरती और सांस्कृतिक रंग
इस ऐतिहासिक मौके पर दशाश्वमेध घाट भी खास रूप से सजाया गया। बाढ़ के कारण गंगा आरती घाट की छत पर की गई, लेकिन माहौल में वही भव्यता और आध्यात्मिकता झलक रही थी। मंत्रोच्चार, घंटियों की गूंज और दीपों की रोशनी ने इस मुलाक़ात को और भी यादगार बना दिया।
क्यों अहम है यह मुलाक़ात?
भारत और मॉरीशस के बीच न सिर्फ़ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी भी है। हिंद महासागर में मॉरीशस की स्थिति भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है। वहीं, मॉरीशस की बड़ी आबादी भारतीय मूल की है, जो दोनों देशों के रिश्तों को और गहरा बनाती है।
इस मुलाक़ात के ज़रिए दोनों देशों ने साफ़ कर दिया कि आने वाले समय में सहयोग सिर्फ़ सरकारों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह जनता से जनता के रिश्तों को भी और मजबूत करेगा। काशी की धरती से उठी यह नई पहल भारत और मॉरीशस के रिश्तों में एक नया अध्याय लिख गई है।
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